5 Simple Techniques For Ashok Shilalekh in Ahraura Mirzapur
आन्ध्र प्रदेश के कुर्नूल जिले में स्थित सातवें शिलालेख में अशोक ने निर्देश दिया है कि सभी सम्प्रदायों के लोग सभी स्थानों पर रह सकते हैं। इसमें सह-अस्तित्व की मीठी सुगंध मिलती है। गिरनार[संपादित करें]
नवम शिलालेख : दास तथा सेवकों के प्रति शिष्टाचार का अनुपालन करें, जानवरों के प्रति उदारता, बमण एवं श्रमण के प्रति उचित वर्ताव करने का आदेश दिया गया है ।
(८) गिरनार- यह काठियावाड़ में जूनागढ़ के पास है।
अपने राज्याभिषेक के बीस वर्ष बाद, देवों के प्रिय सम्राट प्रियदर्शी इस स्थान पर आए और पूजा की क्योंकि यहाँ शाक्यमुनि बुद्ध पैदा हुए थे। उन्होने एक पत्थर की मूर्ति और एक स्तम्भ स्थापित करवाया और, क्योंकि यह भगवन का जन्मस्थान है, लुम्बिनी के गाँव को लगान से छूट दी गई और फसल का केवल आठवाँ हिस्सा देना पड़ा। (छोटा स्तम्भ, शिलालेख संख्या १)
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आईएसबीएन के जादुई कड़ियों का उपयोग करने वाले पृष्ठ
इस शिलालेकह में सच्ची भेंट और सच्चे शिष्टाचार का वर्णन किया गया है। इसमें धम्म मंगल को सर्वश्रेष्ठ घोषित किया। “दासों और सेवकों से शिष्ट व्यवहार करें तथा श्रमणों, गुरुजनों और ब्राह्मणों का सम्मान करें”।
बारहवां शिलालेख : किसी को भी अकारण अपने धम्म की बड़ाई,दूसरे की धम्म कि निंदा नहीं करनी चाहिए। एक–न–एक कारण से सभी धर्मों का आदर करना चाहिए। अर्थात् यह शिलालेख धार्मिक उदारता का परिचय भी देता है।
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बौद्ध धर्म के प्रसार के लिए अशोक ने भारत के सभी लोगों में और यूनानी राजाओं को भूमध्य सागर तक दूत भेजे। उनके स्तम्भों पर यूनान से उत्तर अफ़्रीका तक के बहुत से समकालीन यूनानी शासकों के सही नाम लिखें हैं, जिससे ज्ञात होता है कि वे भारत से हज़ारों मील दूर की राजनैतिक परिस्थितियों पर नज़र रखे हुए थे:
मेरे जप को जागृत करते हुए सिद्ध करो ~ऐ ही क्ली चामुण्डायै विच्चे~ हे भैरवी भवानी तुम्हे बार बार नमस्कार है ! अं Get More Info कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं श्रं ! धिजग्र धिजग्र इन सब को तोड्न करो तोड्न करो ओर दीप्त करो करो स्वाहा देवी के मन्त्र को मेरे लिए सिद्ध करो)
इस अभिलेख में भेरीघोष की स्थान पर धममघोष की स्थापना की गयी। धर्मानुशासन ही अच्छा काम है जिसके लिए मनुष्य को शीलवान होना आवश्यक है।
हा लेख अखंड भारताचा राजा “सम्राट अशोक” याबद्दल आहे. या शब्दाच्या इतर उपयोगांसाठी पाहा, अशोक (निःसंदिग्धीकरण).
ऐतिहासिक कलाकॄती - समसमीक्षित (पीअर-रिव्ह्यूड) किंवा संपादित माध्यमांतून प्रकाशित झालेली चित्रे/फोटो; मात्र खास त्यांच्यासाठी आयोजलेल्या प्रदर्शनांतून प्रसिद्ध झालेली नसावीत.